अस्सी के दशक कि माँ को चिंता
सताती थी,
बेटी कही लव मेरिज न कर ले,
इसलिए समझती थी,
नब्बे के दशक में नया चलनं आया,
अपनी बिरादरी में हि शादी करना,
बेटी को यह समझाया,
लेकिन आज कि माँ
बहुत घबराती हे,
अपनी बेटी को ये समझती हे,
बेटी भले हि लव मेरिज करना,
पर लड़के से हि करना,
लड़की से मत करना