Tuesday, January 25, 2011

कुर्बानी


याद करो उनको जो काले पानी की जेल गये,
अंग्रेजो की गोलियां हँसते-हँसते झेल गये,
देश याद रहा,बाकि सब भूल गये,
फाँसी के फंदे पर हँसते-हँसते झूल गये.

आज़ादी की कीमत

गाँधी जी ने अहिंसा से अग्रेजी सरकार झुकाई थी,
भगत सिंह ने धमाको से उनकी नींव हिलाई थी,
इस आज़ादी को सम्भाल कर रखना मेरे दोस्तों,
शहीदों ने इसकी कीमत जान देकर चुकाई थी.

Thursday, January 20, 2011

ये देश कहाँ जा रहा हे,
महंगाई बढती  जा रही हे,
गरीब की थाली उसका मुंह चिढ़ा रही हे,
प्याज बिना काटे हि आंसू दिला रहा है,
शासन सिर्फ  आश्वासन दिए जा रहा है.
और हमे,
शिला की जवानी,
और मुन्नी की बदनामी डर सता रहा है,
ये देश कहाँ जा रहा है.....
ताबूत के दलालों को सज़ा नही, 
टू जी घोटाले का अता-पता नही,
अब बोफोर्स का जिन्न फिर से बाहर आ रहा हे,
और देश का प्रधान-मंत्री
जेपीसी जाँच से घबरा रहा है.
और हमें ,
शिला की जवानी........
अरुशी के गुनहगार कौन हे,
कोन बतायेगा?
जेसिका के हत्यारों को 
सजा कोन दिलाएगा?
महिला विरुद्ध अपराधो में
मंत्रियों का नाम आ रहा हे,
कानून अपने आप में बेबस नजर आ रहा है,
और हमे,
शिला की ..............
................इन्दर पाल सिंह ,"निडर"

Tuesday, January 4, 2011

हड़ताल

एरे-गेरे राजनीती की दुकान सजाये बैठे है,
जिसको देखो जहाँ-तहाँ पर जाम लगाये बैठे है.
आरक्षण के मुद्दे पर बंधक बन गया राजस्थान,
आना-जाना दूभर हो गया आमजन हुआ परेशान,
रेल-पटरियों पर देखो गुर्जेर टेंट गढाए बैठे है,
जिसको देखो जहाँ-तहाँ ..................
कॉलेज में गुट बने हुए है ऐसी पढाई होती है,
जब देखो लात और घूंसे बिन बात लढाई होती है,
अपना प्रभाव जमाने हेतु हड़ताल कराए बैठे है,
जिसको देखो जहाँ-तहाँ...............
आयकर की रेड पड़े तो व्यापारी कर दे हड़ताल,
मिलावट के सेम्पल लेना बन गया अब जी का जंजाल,
कही पे पुतले और कही पे टायर जलाये बैठे है,
जिसको देखो जहाँ-तहाँ..............

...........इन्दर पाल सिंह,"निडर"