निडर आवाज़
Tuesday, January 25, 2011
आज़ादी की कीमत
गाँधी जी ने अहिंसा से अग्रेजी सरकार झुकाई थी,
भगत सिंह ने धमाको से उनकी नींव हिलाई थी,
इस आज़ादी को सम्भाल कर रखना मेरे दोस्तों,
शहीदों ने इसकी कीमत जान देकर चुकाई थी.
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